नई दिल्ली: एक शिक्षक की कलम से निकली एक सुन्दर कविता
उसे उम्मीद है, एक दिन सब ठीक हो जाएगा – विश्वजीत पांडे, सह अध्यापक, द मान स्कूल, दिल्ली
वह फिर से तैयार होकर विद्यालय जाएगा,
वह दोगुनी लगन से छात्रों को पढ़ायेगा |
वह आज मायूस है, तो क्या हुआ?
उसे उम्मीद है – एक दिन सब ठीक हो जाएगा |
फिर से अपने हाथों से उनकी पीठ थप – थपlएगा ,
टूटे हुए साहस को फिर मजबूत बनाएगा,
प्रेरणा स्रोत बन कर ज्ञान के दीप जलाएगा,
उसे उम्मीद है – एक दिन सब ठीक हो जाएगा |
जो आज सूना पड़ा मेरा विद्यालय परिसर,
उसका कोना-कोना फिर खिल-खिलायेगा,
सूनी पड़ी कक्षाओं में फिर से,
उन छात्रों का समूह धूम मचाएगा,
वह उसी प्यार से, उसी नजर से,
सब की हिम्मत बढ़ाएगा,
उसे उम्मीद है- एक दिन सब ठीक हो जाएगा|
सूने है मैदान तो कहीं उद्यान सूना,
गूंजता था जो कभी आज मौन बैठा हर एक कोना,
शांति आग्रह करने वाले का, आज मन अशांत है,
प्यारे छात्रों की विरक्ति से यह मन बहुत उदास है,
एक दौर है यह मुश्किल का, जल्द ही निपट जाएगा,
उसे उम्मीद है- एक दिन सब ठीक हो जाएगा
वह जल्द ही अपने छात्रों से रूबरू हो पाएगा,
वह फिर से अपनी कलम से कमाल कर दिखाएगा |
वह फिर अपने छात्रों के मुख मंडल पर खुशियां लाएगा
वह फिर से उनके बीच आनंद की अनुभूति पाएगा |
उसे उम्मीद है – एक दिन सब ठीक हो जाएगा |
उसका यह अटल विश्वास सब में धैर्य बनाएगा ,
अपने अथक प्रयासों से वह फिर से यह देश सजाएगा, शिक्षक है वह, फिर से सबको एक अद्भुत पाठ पढ़ायेगा
अपनी ऊर्जा शक्ति से जन-जन में सद्गुण लाएगा,
हां वह एक शिक्षक है,
उसे उम्मीद है – एक दिन सब ठीक हो जाएगा |
Mr. Vishwajeet Pandey
Assistant Teacher
THE MANN SCHOOL, DELHI
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